
(Photo: X/Israel Defense Forces)
Saeed Izadi killed in IDF airstrike: ईरान-इज़राइल जंग (Israel-Iran War) के चलते इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने दावा किया है कि उसने ईरान के एक बड़े सैन्य अधिकारी सईद इज़ादी (Saeed Izadi) को मार गिराया है। इज़ादी को 7 अक्टूबर को इज़राइल पर किए गए भीषण हमले का मास्टरमाइंड (October 7 mastermind) और ईरानी शासन की 'इज़राइल विनाश योजना' का मुख्य रणनीतिकार माना जाता था। उसे ईरान के क़ोम क्षेत्र में एक सटीक हवाई हमले (IDF airstrike) में निशाना बना कर ढेर किया गया।
IDF के मुताबिक, सईद इज़ादी क़ुद्स फोर्स की "पैलेस्टाइन कॉर्प्स" का कमांडर था। वह ईरान और आतंकवादी संगठन हमास के बीच सीधे संपर्क का जिम्मेदार था। साथ ही, वह ईरान की ओर से हमास को फंडिंग करने और सैन्य मदद पहुँचाने की योजना में भी शामिल था। IDF ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “सईद इज़ादी इज़राइल को तबाह करने की ईरानी योजना का एक संस्थापक था, उसे क़ोम क्षेत्र में IDF के सटीक हमले में खत्म कर दिया गया है।”
IDF का कहना है कि इज़ादी ईरान के IRGC (इस्लामिक रिवोल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स) और हमास के वरिष्ठ नेताओं के बीच सैन्य समन्वय की मुख्य कड़ी था। युद्ध के दौरान उसने लेबनान से हमास की फोर्सेज का नेतृत्व किया था। उसके बाद, वह हमास के सैन्य ढांचे को दोबारा खड़ा करने और ग़ाज़ा पर हमास का नियंत्रण बनाए रखने में जुटा हुआ था। इज़राइल ने उस पर आरोप लगाया है कि वह हमास के लिए वित्तीय सहायता और हथियार पहुँचाने में बड़ी भूमिका निभा रहा था।
IDF ने 20 जून को एक और बड़ी सफलता का दावा किया है। उसने कहा कि ग़ाज़ा के केंद्रीय क्षेत्र में मिलिटेंट संगठन 'मुजाहिदीन ब्रिगेड्स' के वरिष्ठ कमांडर अली सादी वास्फी अल-आगा को एक संयुक्त ऑपरेशन में मार गिराया गया।
अल-आगा दक्षिणी ग़ाज़ा ब्रिगेड का प्रमुख था, और हाल ही में मारे गए असद अबू शरिया का उत्तराधिकारी बनने वाला था। वह इज़राइली ठिकानों पर कई हमलों का मास्टरमाइंड था और नए आतंकियों की भर्ती में भी सक्रिय था।
IDF ने यह भी खुलासा किया कि अल-आगा का नाम उन आतंकियों में शामिल था जिन्होंने अपहृत इज़राइली दंपति गादी हग्गाई और जूडिथ वाइंस्टीन को मार कर ख़ान यूनिस में दफनाया था। उनके शव हाल ही में इज़राइली फोर्सेज ने बरामद किए हैं।
इज़राइल डिफेंस फोर्स ने पिछले एक हफ्ते ग़ाज़ा पट्टी में 300 से अधिक हवाई हमले किए हैं। इन हमलों में आतंकियों के अड्डों, हथियारों के भंडार, सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर, एंटी-टैंक पोजिशनों और स्नाइपर पोस्ट्स को निशाना बनाया गया है। IDF का कहना है कि ये हमले हमास और अन्य आतंकी संगठनों की ताकत कमजोर करने के लिए किए जा रहे हैं।
ईरान में हुए इस हवाई हमले पर अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया शुरू हो गई है। इज़राइली नागरिकों और सत्ताधारी नेताओं ने IDF की सटीक कार्रवाई की सराहना की है और इसे "सुरक्षा के लिए बड़ी कामयाबी" बताया है। इज़राइली डिफेंस मिनिस्टर ने बयान में कहा है कि "हम पर हमला करने की योजना बनाने वाले कहीं भी हों, वे सुरक्षित नहीं हैं।"
दूसरी ओर, ईरान की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन ईरानी सोशल मीडिया नेटवर्क पर नाराज़गी और बदले की मांग सामने आ रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि ईरान इस हमले के जवाब में मध्य-पूर्व में प्रॉक्सी युद्धों को और तेज़ कर सकता है।
IDF के सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई किसी एक ऑपरेशन का अंत नहीं, बल्कि एक बड़े रणनीतिक अभियान का हिस्सा है। इज़राइल अब उन सभी नेटवर्क्स और चेहरों को खत्म करने की योजना बना रहा है जो हमास, हिज़्बुल्ला या ईरानी क़ुद्स फोर्स से जुड़े हैं।
सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में सीरिया, लेबनान और वेस्ट बैंक में और कई "सर्जिकल" या "ड्रोन-आधारित" हमलों की संभावना जताई जा रही है। इज़राइल का मकसद है-"सरगनाओं को खत्म करो, नेटवर्क खुद गिर जाएगा।"
इस ऑपरेशन से यह साफ़ हो गया है कि इज़राइल अब ईरान के भीतर तक जाकर प्रहार करने में हिचक नहीं रखता। इससे दोनों देशों के बीच एक सीधा सैन्य टकराव (Direct Military Confrontation) का खतरा मंडराने लगा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ईरान ने बदले की कार्रवाई की, तो यह पूरा पश्चिम एशिया क्षेत्र युद्ध की आग में झोंक सकता है। यह टकराव सिर्फ इज़राइल और ईरान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें अमेरिका, रूस, तुर्की और खाड़ी देश भी शामिल हो सकते हैं।
बहरहाल सईद इज़ादी और अली अल-आघा की मौत को इज़राइल ने स्ट्रैटेजिक जीत करार दिया है। इज़राइल का मानना है कि इन ऑपरेशनों से हमास की कमर टूटी है और ईरान के साथ उसके संबंधों को गहरा झटका लगा है।
Published on:
21 Jun 2025 02:51 pm
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